Sunday, February 4, 2007

अपनी बात


पहली पाती-
नेट की दुनिया में आने पर खुश होना स्वाभाविक है.....
यहां बस अपनी बात्...
और आप सभी की प्रतिक्रिया....बस...

गुंजन कुमार

2 comments:

ePandit said...

गुंजन जी स्वागत है आपका हिन्दी ई-दुनिया में। लगता है आपने अभी नारदमुनि से आशीर्वाद नहीं लिया। अपने चिट्ठे के श्रीगणेश की सूचना नारदमुनि को ई-पत्र द्वारा दें।

इसके अतिरिक्त परिचर्चा हिन्दी फोरम के सदस्य यदि अभी तक नहीं बने हैं तो बन जाएं।

Unknown said...

ब्लाग जगत में आपका तहे दिल से स्वागत है गुंजन।