हम होंगे कामयाब एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब........
शैलेन्द्र यह गीत उस जन आकांक्षा की भावना को व्यक्त करता है जो कामयाब बनने की इच्छा को दिलो मे संजो कर रखे हुए है. खास कर सभी बच्चो के बचपन मन मे कामयाब होने की इच्छा हिचकोले लेती रहती है चाहे वह अमीरजादो के बच्चे हो या मेहनत कश मजदूरो के .
अमीरो के बच्चे तो पारिवारिक सहयोग से कामयाब हो भी जाते है लेकिन मेहनत करने वाले मजदूरो , किसानो के बच्चो के मन मे यह भावना दबी रह जाती है.
हैरत इस बात की है कि मजदूरो, किसानो और गरीबो के करोड बच्चे आज भी स्कूलो तक नही पहुंच पाते. आज से २५ साल पहले गरीब बच्चो के लिए किए गए कागजी वादे कागजो तक ही सिमट कर रह गए है, जबकि करोडो नही बल्कि अरबो रुपये इस योजना पर स्वाह किए जा चुके है.३० जनवरी को दिल्ली के नेशनल स्टेडियम मे हजारो गरीब बच्चे अपने इन अधिकारो के मांग के लिए इकट्ठा हुए.
उन्ही बच्चो को कैमरे मे कैद करने की कोशिश की ...वहां किरण बेदी भी मौजूद थी....
1 comment:
ये आंकड़े ही बताते हैं कि हमारे देश में बच्चों के शिक्षा पर वास्तविक रुप से सरकार कितना जागरुक है... सही में सरकार बच्चों को कितना साक्षर और शिक्षित करना चाहती है...
गुंजनजी, सोए हुए उदीयमान सपनों को आपने सम्मुख रखा है...
देखते हैं.. इस सम्मेलन और आंदोलन के बाद भी ये नौनिहाल पूर्ववत् अपने भाग्य पर ही रोते हैं या...
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